पिरोकर नेह अपना बाँधती राखी कलाई पर, बहन पगधूलि से अपनी सुखद संसार कर देती।। पिरोकर नेह अपना बाँधती राखी कलाई पर, बहन पगधूलि से अपनी सुखद संसार कर...
प्रथम गुरु तेरे चरणों में शीश हमने झुकाया है, तेरे चरणों की धूलि को प्रभु माथे लगाया प्रथम गुरु तेरे चरणों में शीश हमने झुकाया है, तेरे चरणों की धूलि को प्रभु मा...
हे ! पथ-प्रकाशक,दीप फिर, शुभ ज्ञान का जलता रहे। हे ! पथ-प्रकाशक,दीप फिर, शुभ ज्ञान का जलता रहे।
यत्न बिन हासिल कभी कुछ भी तो होता है नहीं। यत्न बिन हासिल कभी कुछ भी तो होता है नहीं।
सारा सुख वार दिया, निज सुकुमार को। सारा सुख वार दिया, निज सुकुमार को।
कोई भी नर हुआ नही जो बना नहीं है खिलाड़ी। कोई भी नर हुआ नही जो बना नहीं है खिलाड़ी।